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    आमी मंदिर

    इस मंदिर से जुडी एक बहुत पुराणी और रहस्यमयी कहानी है। उस कथा के अनुसार एक बार ब्रह्मदेव के पुत्र प्रजापति दक्ष एक बार भगवान शिव की पत्नी देवी सती के सामने ही बड़े आवाज में आलोचना करने लगे। और ऐसा करते वक्त वो भगवान शिव का अपमान भी कर रहे थे।

    वो सब देवी सती से देखा नहीं गया और देवी ने उसी समय ख़ुदकी जान दे दी। जब भगवान शिव को पता चलाकी उनकी पत्नी उन्हें हमेशा के लिए छोड़ के चली गयी तो भगवान शिव को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने गुस्से में देवी सती को कंधे पर बिठाकर तांडव करना शुरू कर दिया और उस तांडव के दौरान देवी सती के शरीर का कुछ हिस्सा निचे गिर गया।

    और जिस जगह पर उनके शरीर का हिस्सा गिरा आज उसी जगह आमी मंदिर बनाया गया। तो यही है इस मंदिर की रोमांचक बात जिसे सुनकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जायेंगे।

    देवी मा अम्बिका ‘महादेवी’ का एक सौम्य रूप भी माना जाता है। देवी मा अम्बिका “आदि पराशक्ति” का एक अवतार भी माना जाता है।

    आमी गाव में पूजा करने का एक बहुत ही पुराना स्थान है जिसे ‘अम्बा स्थान’ कहते है और इस स्थान के बाजु में एक बड़ा सा बाग है। उस बाग में एक बहुत ही गहरा कुआ है जो साल भर पानी से भरा रहता है और कभीभी सुखा नहीं पड़ता, ऐसा यहाँ के लोगो का कहना है।

    यहाँ के यज्ञ कुंड के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु लोग बहुत दूर दूर से आते है। नवरात्री में सभी श्रद्धालु भक्त देवी के दर्शन करने के लिए आते है। जितने भी भक्त उस कुंड में जल चढाते है तो वो जल अपने आप ग़ायब हो जाता है। यही कुंड की खास बात है।

    मंदिर से एक और खास बात जुडी है जिसके अनुसार जो भी श्रद्धालु भक्त देवी का दर्शन कर लेता है उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती। शायद उसी वजह से हर दशहरा के दिन यहापर भक्त लोग बड़े पैमाने पर आते है और देवी का आशीर्वाद प्राप्त करते है।

    संपर्क विवरण

    पता: गांव : दिघवारा राज्य: बिहार देश: भारत निकटतम शहर : हराजि

    आमी मंदिर

    कैसे पहुंचें

    प्रकाशन और समाचार पत्र

    मंदिर से लगभग 57 किमी की दूरी पर निकटतम हवाई अड्डा जयप्रकाश नारायण हवाई अड्डा पटना है

    ट्रेन द्वारा

    आमी अपने आप में एक रेलवे स्टेशन है।

    सड़क के द्वारा

    आमी गाँव NH 19 की सड़क के किनारे स्थित है। यह उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रमुख शहरों से जुड़ता है।